किसान को न्याय न मिला तो कभी भी उग्र हो सकता है आन्दोलन भा0कि0यू0 की मांग है कि जो अंसल ए0पी0आई के वाइस चेयरमैन यह कह रहे है कि किसान नौमीलाल पाटनर है जो रजिस्ट्री है वह पाटनर डीड है तो यह बतायें कि किसान नौमीलाल कितने प्रतिषत का पाटनर है और अंसल ए0पी0आई बताये कि जब जमीन अंषखमणि थी तो रजिस्ट्री कैसे हुयी अगर रजिस्ट्री हुयी है तो उस जमीन पर आवासीय व कामर्षियल ऐक्टिविटी के तहत रोड कैसे बना दिया गया साथ ही जब मुकदमा नं0 1194/2012 के तहत उस जमीन पर किसान के पक्ष में पजेषन स्टे था तो कोर्ट का अपमान कैसे किया गया जमीन किसान को पट्टे पर खेती करने हेतु दी गयी थी और अंसल ए0पी0आई ऐसे सैकड़ो जमीन व भोले भाले किसानों की जमीन पर कब्जा कर रखा है। तथा कब्रस्तान, खलिहान, तालाब, खाद गडढें आदि सुरक्षित जमीने जो कब्जे में कर रखी है छुडया जाये। किसानो से जबरदस्ती जमीन छीननें के दोषियों के खिलाफ किसानो की षिकायत पर मुकदमें पंजीकृत किये जायें। कानून तोड़ने वाले अंसल ए0पी0आई के इस धंधे पर सरकार अंकुष लगाये जिससे किसान वर्ग को बचाया जा सके। कल दिनांक 24.03.2013 को नौमीलाल की पत्नी श्रीमती सुन्दारा की तहरीर पर गोंसाईगंज थाने में पंजीकृत मुकदमा संख्या -75/2013 के तहत दोषी सुषील अंसल, विनीत श्रीवास्त, मनोज शुक्ला को जेल भेज कर मजिस्ट्रेटिक जांच करायी जाये। अन्यथा 08.04.2013 से शुरू होने वाला आन्दोलन किसी भी समय अंषल ए0पी0आई के आफिस या योजना पर काम बन्द कराने व आफिस महाराणा प्रताप मार्ग लखनऊ पर किसान तालाबंन्दी कर कर्मचारियों को खदेड़ने व आफिस पर कब्जा कर सकते हैं। जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रषासन सरकार व जिम्मेदार लोागों की होगी।
No comments:
Post a Comment