Tuesday 26 March 2013

ANSAL API

नौमीलाल के आग लगाकर खुदकुशी का मामला
दबाव बनाने में जुटे बिल्डर के लोग
•अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। नौमीलाल प्रकरण में एफआईआर दर्ज होने के बाद अंसल एपीआई से जुड़े लोगों ने पीड़ित पक्ष को घेरने की कोशिश शुरू कर दी है। मंगलवार को कथित तौर पर अंसल से जुड़े कुछ लोगों ने ग्रामीणों से यह लिखवाने की कोशिश की कि बुजुर्ग नौमीलाल ने पारिवारिक झगड़े में आग लगाई। इस संबंध में भाकियू ने पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।
गोसाईंगंज क्षेत्र में महमूदपुर निवासी नौमीलाल ने गत बृहस्पतिवार को आग लगा ली थी। घर वालों का आरोप है कि अंसल एपीआई के लोगों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया था। इससे नौमीलाल परेशान था। इस मामले में सोमवार को अंसल एपीआई प्रबंधन एवं अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू की है। इसके बाद अंसल एपीआई से जुड़े लोगों ने अपने बचाव में नौमीलाल के परिवार को घेरने की तैयारी शुरू की है।
आरोप है कि मंगलवार को बिल्डर से जुड़े कुछ लोग महमूदपुर गांव पहुंचे और उन्होंने पहले से तैयार एक पत्र पर कई ग्रामीणों से हस्ताक्षर कराए। भाकियू (टिकैत) गुट के स्थानीय पदाधिकारी मदनलाल ने इसकी सूचना अपने नेताओं को दी। इसके बाद जिलाध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा ने स्थानीय पुलिस के साथ प्रशासन के अधिकारियों से शिकायत की है। हरिनाम के मुताबिक अंसल एपीआई से जुड़े लोग ग्रामीणों से यह लिखवा रहे हैं कि नौमीलाल द्वारा आग लगाने की घटना से अंसल का कोई संबंध नहीं है। नौमीलाल ने पारिवारिक कलह के चलते आग लगाकर जान देने की कोशिश की है। इसके लिए गांव के उन लोगों से संपर्क किया गया, जो अंसल एपीआई योजना में कोई न कोई काम कर रहे हैं।
उधर, प्रशासन के अधिकारी ऐसी शिकायत आने की बात तो मानते हैं, लेकिन उसकी पुष्टि होने से इनकार कर रहे हैं। एसओ गोसाईंगंज आरपी यादव के मुताबिक भाकियू के एक पदाधिकारी की सूचना पर चौकी प्रभारी अहिमामऊ को महमूदपुर भेजा गया था, लेकिन वहां कोई व्यक्ति नहीं मिला। नौमीलाल के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर की विवेचना की जा रही है।
जानकर बेखबर बनी रही पुलिस
जमीन पर कब्जे से आहत बुजुर्ग नौमीलाल के आत्मदाह के प्रयास की खबर के बावजूद पीजीआई थाने की पुलिस बेखबर बनी रही। गंभीर रूप से झुलसे नौमीलाल को बृहस्पतिवार सुबह उसके परिवार ने पीजीआई थाना क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। थोड़ी देर बाद अस्पताल से पीजीआई थाने में लिखित सूचना भेजी गई और नौमीलाल के कलमबंद बयान दर्ज कराने का अनुरोध किया गया था। इस पर पुलिस ने मजिस्ट्रेट को भी जानकारी दी। इसके बावजूद शनिवार रात तक मामले की जानकारी से इन्कार करती रही।

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